वनों में आगजनी घटनाओं की प्रभावी रोकथाम को लेकर किए जाने वाले प्रभावी उपायों के लिए उपायुक्त मुकेश रेपसवाल की अध्यक्षता में आज उपायुक्त कार्यालय के सभागार में एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में मुकेश रेपसवाल ने कहा कि वन संपदा को आग से बचने के लिए सभी महत्वपूर्ण विभागों द्वारा संयुक्त तौर पर कार्यवाही सुनिश्चित बनानी चाहिए। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के साथ विभिन्न विभागीय योजनाओं का कन्वर्जेंस कर कच्चे -पक्के जल भंडारण तालाब, टैंक, चेक डैम, कूहलें इत्यादि बनाने के लिए 20 जून तक मनरेगा सेल्फ तैयार करने को कहा।
उपायुक्त ने आगजनी की घटनाओं से बचाव को लेकर प्राकृतिक जल स्रोतों का उपयोग करने को भी कहा । साथ में उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को ज़िला में लंबे समय से बंद पड़ी सिंचाई कूहलों को दोबारा सुचारु करने के निर्देश भी दिए। उपायुक्त ने ग्रामीण विकास , कृषि एवं बागवानी विभाग के अधिकारियों को सिंचाई के लिए तैयार जल भंडारण तालाबों, टैंकों, चेक डैम, कूहलों इत्यादि की सूची को वन विभाग के साथ साझा करने को निर्देशित किया। बैठक में मुख्य वन अरण्यपाल अभिलाष दामोदरन ने पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से ज़िला में आगजनी के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों की जानकारी सहित आग बुझाने के प्रभावी उपायों को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की।
उन्होंने महत्वपूर्ण सार्वजनिक क्षेत्रों में लगे विभिन्न सरकारी अथवा गैर सरकारी होल्डिंग्स -साईन बोर्ड में वन संपदा को आग से बचने के लिए स्लोगन इत्यादि लिखे जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। वन मंडल अधिकारी कृतज्ञ कुमार ,सुशील कुमार, कमांडेंट होमगार्ड विनोद धीमान , परियोजना अधिकारी ग्रामीण विकास अभिकरण जयवंती ठाकुर , उप निदेशक कृषि कुलदीप धीमान, उद्यान प्रमोद शाह, खंड विकास अधिकारी मैहला रामनवीर चौहान , चुवाड़ी मनीष कुमार, चंबा सुषमा कुमारी , चुराह राकेश कुमार, अधिशासी अभियंता जल शक्ति हामिद्र चौणा, जितेंद्र शर्मा सहित विभिन्न विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।