उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित किए गए चंबा के स्थानीय व पारंपरिक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए और प्रभावी आवश्यक कदम उठाए जाएं।
यह निर्देश आज उन्होंने डीआरडीए सम्मेलन हाल में स्वयं सहायता समूहों के लिए दीनदयाल अंतोदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत आयोजित पांच दिवसीय उद्यमिता विकास कार्यक्रम के समापन अवसर में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए दिए। कार्यशाला में नगर परिषद चंबा के अंतर्गत आने वाले 36 स्वयं सहायता समूहों ने भाग लिया। उपायुक्त ने उत्पादों की बिक्री के लिए चलो चंबा व सोन चिरैया ब्रांड के नाम से बिक्री केंद्र स्थापित करने के लिए नगर परिषद चंबा के अधिकारियों को निर्देशित किया ताकि पारंपरिक उत्पादों को बिक्री करने के लिए और अधिक आसानी रहे। उन्होंने यह भी कहा कि इन उत्पादों की ब्रांडिंग और पैकेजिंग के लिए विशेष ध्यान दिया जाए। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि ब्रांडिंग में चलो चंबा का लोगो भी बेहतर तरीके से अंकित किया जाए।
उपायुक्त ने सभी स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को अपने संबंधित वार्ड क्षेत्र में सुखा व गीला कचरा अलग-अलग कर सफाई कर्मचारियों को देने के प्रति जागरूक करने को भी कहा। पांच दिवसीय प्रशिक्षण में महिलाओं को आचार, ज़रीस व आर्टिफिशियल आभूषण बनाने की विधि की जानकारी दी गई और साथ ही उनको पांगी हिल्स में पैकेजिंग प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी गई। इस दौरान उपायुक्त ने प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को प्रमाण पत्र भी वितरित किए और महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पादों का अवलोकन भी किया। इस अवसर पर उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ओपी ठाकुर, तहसीलदार एवं कार्यवाहक कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद संदीप कुमार, राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन समन्वयक रुचि महाजन व श्याम सहित नगर परिषद के कर्मचारी मौजूद रहे।