राजकीय महाविद्यालय लिल्हकोठी में महाविद्यालय केंद्रीय छात्र संगठन की शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ शिवदयाल शर्मा की। प्राचार्य ने नामांकित सदस्यों को शपथ दिलाई तथा नव निर्वाचित सदस्यों को अपना आशीर्वाद दिया। उन्होंने बताया कि सीएससीए के चुने हुए प्रतिनिधि महाविद्यालय के छात्रों और प्रशासन के बीच में एक कड़ी का काम करते है, जिसे प्रशासन महाविद्यालय में छात्रों को आने वाली समस्या से रूबरू हो सके तथा इन समस्यो को सुलझाने के प्रयास किए जा सके जिससे महाविद्यालय में अच्छा शैक्षणिक वातावरण बना रहे। नामांकित छात्रों में आरती देवी को अध्यक्ष ,चंद्रेश को उपअध्यक्ष, अभिषेक को सचिव तथा अरोमा कुमारी को सह सचिव के पद पर नियुक्त किया गया।
इसके अलावा विभिन्न पद जैसे कि कक्षा प्रतिनिधि , रोवर ऐंड रेंजर, एनएसएस , रोड सेफ्टी क्लब, रेड रिबन क्लब, सांकृतिक गतिविधियां एवम खेल प्रतिनिधियों को नामांकित किया गया। यह पूरी चयन प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला के दिशा निर्देशों व महाविद्यालय सीएससीए सलाहकार समिति एव प्राचार्य डॉ शिव दयाल शर्मा के दिशा निर्देशों के निर्दश अनुसार संपन्न हुई l सीएससीए सलाहकार समिति के समन्वयक सहायक आचार्य अनित ठाकुर ने बताया की चुने गए प्रतिनिधि की नियुक्ति मैरिट के आधार पर की गई उन्होंने भारत की परंपराओं का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही लोकतांत्रिक परंपरा रही है वैदिक काल में सभा और समिति द्वारा राजा का चयन किया जाता था तथा राजा अपने पद की शपथ लेता था कि वह प्रजा के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करेगा ऐसा ना करने पर समिति के सदस्य द्वारा राजा को उसके पद से हटाया जा सकता था
यह लोकतांत्रिक प्रक्रिया का भारत में पहला उदाहरण है। उन्होंने तक्षशिला, नालंदा, और विक्रमशिला का जिक्र करते हुए कहा किस तरह से इन विश्वविद्यालय में छात्र और प्राध्यापकों के बीच में हमेशा संवाद होता रहता था जिसमें इस तरह के विद्यार्थी संगठन काम करते थे। उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि आधुनिक युग में छात्र संगठन के लिए पहला चुनाव 1919 में रिपन कॉलेज में हुआ था जिसमे निरंजन सेनगुप्ता को प्रेसिडेंट के लिए चुना गया था तथा आजादी के बाद एवीबीपी एसएफआई तथा एनएसयूआई जैसे छात्र संगठन का निर्माण एक दबाव समूह के रूप में हुआl वर्तमान में 2014 के बाद से हिमाचल प्रदेश में छात्र प्रतिनिधियों को अप्रत्यक्ष रूप से मेरिट के आधार पर छात्र नामांकित किया जाता हैl इस अवसर पर सहायक आचार्य डॉ अजय शर्मा , सुरेश कुमार काजल चौहान व लिपिक राजकुमार भी मौजूद रहे।