मुख्य चिकित्सा अधिकारी चम्बा डॉ विपिन ठाकुर ने आज जन औषधि सप्ताह के अंतर्गत मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सभागार में आशा वर्कर को सम्बोधित करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना की शुरुआत 2008 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग की ओर से की गई थी। 2008 में इसका नाम जन औषधि योजना था, जिसे बाद में बदलकर प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना कर दिया गया। इस योजना के जरिए लोगों को सस्ती कीमतों पर अच्छी क्वालिटी की जेनेरिक दवाओं को उपलब्ध कराना है। उन्होंने बताया कि पूरे देश भर में 15027 से ज्यादा प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के माध्यम से लोगों को लगभग उच्च गुणवत्ता की 2000 प्रकार की दवाइयाँ तथा 300 के करीब सर्जिकल उपकरण मुहैया करवाए जा रहे हैँ । इस मौक़े पर उपस्थित जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जालम भारद्वाज ने सभी से आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के बारे में अवगत करवाया जाये ताकि उन्हें सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयां प्राप्त हों सके।