हिमाचल प्रदेश सरकार के वर्ष 2024-25 के बजट से हिमाचल की जनता को काफी उम्मीदें थी परंतु जिस तरह से आज का बजट माननीय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुखु द्वारा पेश किया गया है उससे हिमाचल की जनता अपने आपको ठगा महसूस कर रही है । यह बात करियां वार्ड के जिला परिषद सदस्य व भाजपा जिला प्रवक्ता मनोज कुमार मनु ने जारी अपने बयान में कहीं । उन्होने बताया कि वर्तमान सपकार ने पूर्व सरकार द्वारा खोले संस्थान बंद किये थे इससे सभी को उम्मीदें थी कि इस बजट में कुछ बड़ा तोहफा मिलेगा परंतु ऐसा कुछ नहीं मिलेगा । ऐसा पहली बार हुआ है कि कामगार श्रमिकों की दिहाड़ी नहीं बढ़ाई गई इसलिये गरीब मजदूर अपने आप को ढगा महसूस कर रहे हैं ।
हालांकि मनरेगा कि मजदूरी बढ़ाने की घोषणा की गई है परंतु पिछले साल के बजट में भी 16 रु० बढ़ाकर दिहाड़ी 240rs की थी परंतु वो एक साल बीत जाने के बाद भी खाते में नहीं पड़े । एक साल से ऑनलाइन 240 शॉ हो रहे हैं परंतु जब खाते में पड़ते हैं तो वो मात्र 224rs ही पड़ते हैं जिससे मनरेगा मजदूर को भी साल भर ठगने का काम किया गया है । जिला परिषद कर्मचारियों की विभाग में विलय की मांग का आश्वासन मिला था परन्तु जिला परिषद कर्मचारियों का नाम तक इस बजट में नहीं लिया गया ।जिला परिषद सदस्यों का मानदेय बीडीसी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष से कम देकर इस शीट का अपमान किया है l जिला परिषद के सदस्य 16 से 28 पंचायतों से जीत कर आतें हैं परन्तु न केवल उनका बजट खत्म किया बल्कि मानदेय भी बीडीसी अध्यक्षों और उपाध्यक्षों से भी कम कर दिया l जो कि जिला परिषद सदस्यों के साथ भद्दा मजाक है।
जबकि इन्होने अपना विधायकों की विधायक निधि 2 करोड़ दस लाख से बढाकर 2 करोड़ 20 लाख किया तथा ऐच्छिक निधि को 13 लाख से बढाकर 14 लाख किया l सच यह है कि ये सरकारें चाहती ही नहीं कि जिला परिषद बीडीसी क्षेत्र के लिए कुछ कार्य करें। हालांकि मुख्यमंत्री ने पूर्व सरकार द्वारा चलाई हिमकेयर योजना और सहारा योजना की प्रशंसा की परंतु उनके बजट के लिये कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया है । कुल मिलाकर हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा जारी बजट मात्र लोलीपॉप है ।