हिमाचल प्रदेश ने भवन निर्माण को लेकर कड़े नियम होंगे लागू। सरकार ने नालों और खड्डों से उचित दूरी बनाने रखने के लिए भवनों के निर्माण करने नियम तय किए हैं। भवन निर्माण को सरकार द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों का पालन करना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि संरचनाएं खड्डों और नालियों से उचित दूरी पर हों। नियमों में यह भी कहा गया है कि इमारतों का निर्माण उनके और खड्डों के बीच 5 मीटर और उनके बीच 7 मीटर की दूरी पर किया जाना चाहिए, भले ही कर रिकॉर्ड में नदी नालों का उल्लेख न किया गया हो। प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरूप हिमाचल में इमारतों को काफी नुकसान हुआ है। खड्डों और नालों के किनारे की संरचनाओं को नुकसान पहुंचा है।
भारी बारिश के कारण पिछले दिनों सरकार को करोड़ों रुपये का मुआवजा देना पड़ा। हिमाचल प्रदेश में इमारतों का निर्माण पहले खड्डों से 5 मीटर और नालों से 3 मीटर की दूरी पर करना होता था। दूसरी ओर, यदि कर रिकॉर्ड में नाली या खड्ड का कोई उल्लेख नहीं है, तो 4 बिस्वा भूखंड के सामने दो मीटर का सेटबैक छोड़ना पड़ता था। सरकार को सूचित किया गया है कि कुल्लू, मनाली, चंबा और मंडी में घरों को नुकसान हुआ है। इनके तथा खड्डों एवं नालों के बीच उचित स्थान नहीं रखा गया। वर्तमान में, फिर भी, राज्य सरकार नियमों को प्रभावी बनाने के लिए सार्वजनिक आलोचना और सिफारिशों की तलाश कर रही है। फरवरी के अंत तक सरकार इन नियमों को लागू कर देगी।