हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिकी एवं खगोल विज्ञान विभाग के छात्र नलिन धीमान का चयन देश के प्रतिष्ठित संस्थान आईआईटी हैदराबाद (IIT Hyderabad) में पीएचडी न्यूरो साइंस (Neuroscience) के लिए हुआ है। नलिन ने भारतीय ज्ञान परंपरा (Indian Knowledge System) विषय में जीआरएफ पास किया हुआ है। उन्होंने जुलाई 2023 में जीआरएफ क्लेयर किया था और ऑल इंडिया रैंक चौथा रहा था। नलिन पूरे भारत में साइंस का इकलौता छात्र है, जिसका भारतीय ज्ञान परंपरा ( Indian Knowledge System) विषय में जीआरएफ क्लेयर हुआ है। अन्य छात्र आर्ट्स के थे। बता दें कि नलिन धीमान चंबा जिला के बकलोह के चिलामा पंचायत के लोडद्रमन के निवासी हैं। उनके पिता का नाम तिलक राज धीमान और माता का उषा रानी है। नलिन की स्कूलिंग राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला ककीरा में हुई है। स्नातक डीएवी बनीखेत में 2021 में की है। पोस्ट ग्रेजुएट हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय से इसी वर्ष की है।
हिमाचल केंद्रीय विश्वविद्यालय के भौतिकी और खगोल विज्ञान विभाग (Physics and Astronomical Science Department) के प्रोफेसर भाग चंद चौहान ने नलिन को इसके लिए प्रेरित किया और नलिन की तैयारी में मदद भी की। प्रोफेसर भाग चंद चौहान केंद्रीय विश्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश शाहपुर में भौतिकी एवं खगोल विज्ञान के प्रोफेसर हैं। इनका काम हाई एनर्जी फिजिक्स पर है पर अब ये काफी समय से भारतीय ज्ञान परंपरा विषय में भी काम कर रहे हैं । इन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा पर एक किताब भी लिखी है जो छात्रों के लिए काफी मददगार साबित हो रही है।
उन्होंने नलिन को भौतिकी के अलावा भारतीय ज्ञान परंपरा विषय में रूचि लेने के लिए प्रेरित किया। जिसमे नलिन ने प्रो. चौहान के साथ एक शोधकार्य भौतिक विज्ञान में किया और उसके सामंतर ही दूसरा शोध कार्य भारतीय खगोल विज्ञान में भी किया, जहां पर इन्होंने प्राचीन काल में हुई भारतीय खगोल विद्याओं पर शोध किया जहां उन्होंने श्री कृष्ण की मृत्यु की भी पुष्टि की और कंप्यूटेशनल सिमुलेशन की सहायता से 3102 ईसा पूर्व. में उस समय में घटी खगोलीय घटनाओं की सहायता से कलयुग के शुरुआत की पुष्टि की। प्रो. चौहान एवम् नलिन धीमान के द्वारा किए गए इस कार्य को इनके द्वारा आईआईटी रुड़की (IIT Roorkee ) में भी प्रदर्शित किया गया। नलिन ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता पिता और गुरु जनों को दिया है।