चंबा में चेक बाउंस मामले में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंबा हरमेश कुमार की अदालत ने एक व्यक्ति को 6 माह के साधारण कारावास और 2 लाख जुर्माने की सजा सुनाई है। घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए आरोपी ने एक व्यक्ति से दिसंबर 2015 में एक लाख 78 हजार रुपये ऋण के रूप में लिए थे। व्यक्ति ने आरोपी को एक लाख 20 हजार के चेक और शेष 18 हजार रुपये नकद दिए। आरोपी ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह उक्त ऋण राशि को को 2 वर्षो में लौटा देगा। समयावधि पूरी होने पर पुन: आरोपी ने बेटे की शादी करवाने की एवज में 70 हजार और ऋण लेने का शिकायतकर्ता से आग्रह किया। इसके बाद समस्त राशि को एक मुश्त वापस करने का करार करने पर शिकायतकर्ता ने 70 हजार रुपये और ऋण के रूप में आरोपी को दे दिए।
बेटे की शादी के बाद 30 अप्रैल, 2024 को आरोपी फिर से शिकायतकर्ता के पास गया और समस्त राशि दो लाख आठ हजार के दो चेक सौंपे। शिकायतकर्ता ने आरोपी के दिए चेक संबंधित बैंक में लगा दिए। आरोपी के बैंक खाते में पैसे न होने पर चेक बाउंस हो गया। इस पर बैंक प्रबंधन ने व्यक्ति से संपर्क साध कर उक्त खाते में पैसे न होने की बात बताई। ऋण देने वाले व्यक्ति ने आरोपी को खाते में पैसे न होने पर चेक बाउंस होने की बताई। इस पर आरोपी बहस करने लगा। व्यक्ति ने आरोपी के खिलाफ न्यायालय में याचिका दायर की। मामले के तहत आखिरकार मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को छह माह का साधारण कारावास और 2,00,000 रुपये अदा करने का फैसला सुनाया।